Skin care tips applying sunscreen to children is good or bad explained by expert

हम सभी अपनी स्किन का बहुत ख्याल रखते हैं. इसके लिए महंगे से महंगे स्किन केयर प्रोडक्ट्स का उपयोग करते हैं और घरेलू नुस्खे अपनाते हैं. इसी में एसपीएफ भी शामिल है. तेज धूप में जाते समय सनस्क्रीन भी जरूर लगाने की सलाह दी जाती है. सूरज की यूवी रेज से बचने के लिए सनस्क्रीन का लगाना जरूरी होता है. इसके साथ ही इसे लगाने से स्किन को ग्लोइंग बनाने और हाइड्रेट रखने में मदद मिलती है.

बड़ों के साथ ही बच्चों के लिए भी सनस्क्रीन जरूरी मानी जाती है. आजकल मार्केट में बच्चों के लिए भी एसपीएफ क्रीम अवेलेबल है. जिसका उपयोग हर किसी को उनकी स्किन की जरूरत के मुताबिक करना चाहिए. लेकिन क्या बच्चों के लिए सनस्क्रीन लगाना सही है या नहीं. इसके बार में जानते हैं एक्सपर्ट से

एक्सपर्ट की राय

दिल्ली के श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट में सीनियर कंसल्टेंट, डर्मेटोलॉजिस्ट, डॉक्टर विजय सिंघल का कहना है कि, बच्चों को भी सनस्क्रीन लगाना चाहिए, खासकर जब वह धूप में ज्यादा समय बिताते हैं. बच्चों की स्किन बहुत नाजुक होती है और सूरज की हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणें उनकी स्किन को जल्दी नुकसान पहुंचा सकती हैं. छह महीने से बड़े बच्चों के लिए सनस्क्रीन सुरक्षित मानी जाती है, लेकिन छह महीने से छोटे बच्चों को धूप से दूर रखना ही बेहतर होता है.

जब भी बच्चे बाहर खेलने या घूमने जा रहे हों, तो उनकी स्किन पर कम से कम एसपीएफ 30 वाला ब्रॉड-स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन जरूर लगाएं जो यूवीए और यूवीबी दोनों तरह की किरणों से बचाव कर सके. सनस्क्रीन लगाने से पहले यह देखें कि वह बच्चों के लिए सुरक्षित हो, उसमें ऑक्सीबेंजोन जैसे हानिकारक केमिकल न हो. मिनरल बेस्ड सनस्क्रीन जिसमें जिंक ऑक्साइड या टाइटेनियम डाइऑक्साइड हो, यह बच्चों के लिए बेहतर माने जाते हैं. सनस्क्रीन लगाने के 15 से 20 मिनट बाद ही बच्चों को धूप में निकलने दें और हर 2 से 3 घंटे में या पानी में खेलने के बाद फिर से सनस्क्रीन लगाएं.

इसके अलावा बच्चों को धूप से बचाने के लिए हैट, सनग्लासेस और फुल स्लीव्स के हल्के कपड़े पहनाएं. स्कूल से वापिस लाते समय आप बच्चों को धूप से बचाने के लिए छतरी का उपयोग कर सकते हैं. सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक की तेज धूप में बच्चे को बेवजह या खेलने के लिए घर से ज्यादा बाहर न जानें दे, क्योंकि इस समय सूरज की किरणें सबसे ज्यादा तेज होती हैं. इससे स्किन के साथ सेहत पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है. अगर बच्चों को त्वचा में एलर्जी या रैशेज होते हैं, तो सनस्क्रीन का पैच टेस्ट पहले हाथ पर करें या फिर डॉक्टर से सलाह लें.

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