Fitness tips difference between Pilates or Yoga Which is Better Workout

योग से शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने में मदद मिलती है. वेट लॉस, स्ट्रेस को कम करने और सेहत से संबंधित कई मेडिकल कंडीशन में योग करना फायदेमंद होता है. वहीं कई लोग जिम जाकर एक्सरसाइज करते हैं, इसमें कई तरह के इक्विपमेंट की जरूरत होती है. उसी में आजकल पिलेट्स का नाम काफी सुनने में आ रहा है.

पिलेट्स एक्सरसाइज की तस्वीरें देखें, तो यह देखने में योग की तरह ही लगता है. योग और पिलेट्स दोनों ही शरीर और मन दोनों को हेल्दी रखने में मदद करते हैं. साथ ही शरीर को फ्लेक्सिबल बनाने में मदद मिलती है. लेकिन इन दोनों में कुछ बातों ऐसी हैं जो इन दोनों को एक दूसरे से अलग बनाती हैं.

पिलेट्स

योग के अभ्यास के दौरान आमतौर पर एक ही पोजिशन अपनानी होती है और उसमें कुछ सेकेंड रखने के बाद अलग पोजीशन में जाते हैं. वहीं पिलेट्स में एक पोजिशन अपनाते हैं और फिर अपनी बाहों या पैरों को हिलाकर अपने कोर करते हैं. दोनों ही शरीर को एनर्जी और फ्लेक्सिबल बनाने में मदद करती है.

पिलेट्स के इतिहास की बात करें तो इसका शुरुआत जोसेफ पिलेट्स नाम के एक बीमार बच्चे से शुरू होती है, जिसका जन्म 1883 में जर्मनी में हुआ था. वह अपनी सेहत को बेहतर बनाने के लिए मार्शल आर्ट, योग, मन और शरीर से जुड़े दूसरे विषयों पर रिसर्च कर रखा था. प्रथम विश्व युद्ध के दौरान उन्होंने घायल सैनिकों के साथ काम किया, तो शरीर की गतिविधियों को लेकर उनकी रुचि बढ़ने लगी. युद्ध के बाद वह अपनी व्यायाम शैली को न्यूयॉर्क शहर में ले आए, जिसे अभिनेताओं और एथलीटों भी अपनाया. इसे विशेष रूप से पेट की मांसपेशियों, पीठ का निचला हिस्सा और कोर पर ध्यान केंद्रित करता है. पिलेट्स चटाई पर या विशेष इक्विपमेंट के द्वारा किया जा सकता है.

वेबएमडी के मुताबिक पिलेट्स कोर स्ट्रेंथ को बढ़ाने और स्टेबिलिटी बेहतर बनाने में मदद करता है. इसके साथ ही इसे करने से पोसचर में भी सुधार करने, फ्लेक्सिबिलिटी बनाने और लोअर बैक पेन को कम करने में मदद मिल सकती है. पिलेट्स कोई एरोबिक एक्सरसाइज नहीं है. लेकिन यह तनाव को कम कर सकता है, जिससे यह हार्ट के लिए भी फायदेमंद हो सकता है.

योग

वहीं योग भारत में काफी सालों पहले से किया जाता है, हेल्थलाइन के मुताबिक इसका इतिहास पांच हजार साल पुराना है. इसके अलावा इसमेंमाइंडफुलनेसऔर सांसों पर ध्यान केंद्रित करना होता है. योग कई अलग-अलग तरह के होते हैं. हर किसी की अपनी पहचान और मुवमेंट होती है. इससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद मिलती है.

हेल्थलाइन के मुताबिक योग से स्ट्रेस, डिप्रेशन और एंग्जायटी को कम करने, रेस्पिरेटरी सिस्टम से जुड़ी समस्याएं, हाई ब्लड प्रेशर, शरीर में दर्द, टाइप 2 डायबिटीज और अर्थराइटिस जैसी समस्याओं को कम करने में मदद मिल सकती है.

योग और पिलेट्स में क्या अंतर है?

अगर इनके बीच की अंतर ही बात करें तो योग लचीलापन और कुछ मसल्स ग्रुप को फोक्स करता है. जबकि पिलेट्स मांसपेशियों की टोनिंग, शरीर पर नियंत्रण और कोर स्ट्रेंथ को बेहतर बनाने में मदद करता है. योग बैलेंस बनाने और मन को शांत करने में मदद करता है. योग आमतौर पर पिलेट्स जितना तेज नहीं होता, बल्कि इसमें माइंडफुलनेस और गहरी सांस लेने पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है. इसके अलावा कुछ योगासन में पूरे शरीर को मूवमेंट होती है. पिलेट्स कोर की ताकत बढ़ाने और शरीर का बैलेंस बनाने में मदद करता है.

वेबएमडी के मुताबिक यदि आप अपनी स्ट्रेंथ और लचीलापन बढ़ाना चाहते हैं, तो पिलेट्स बेहतर विकल्प हो सकता है. यदि आप अपने ओवरऑल हेल्थ में सुधार करना चाहते हैं, तो आप योग आपके लिए बेहतर होगा. योग और पिलेट्स दोनों ही बेहतर वर्कआउट है, लेकिन अगर आपको सेहत से जुड़ी कोई समस्या यानी कि मेडिकल कंडीशन या शरीर में दर्द है तो इसे शुरू करने से पहले एक्सपर्ट की सलाह लेनी चाहिए.

Leave a Comment